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सेल्फ इम्प्रूवमेंट (आत्म - सुधार )

सेल्फ इम्प्रूवमेंट (आत्म - सुधार ) :- 

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दोस्तों आज मै कुछ स्वयं में सुधार , उन्नति कैसे हो उसके बारे में लिखने जा रही हु क्यों की स्वयं में आत्म - सुधार ही वो यात्रा है जो हमारे जीवन को उड़ान का पंख देता है यदि हम औरो की छोड़ स्वयं में सुधार की ओर जागृत हो जाये तो हमारी जीवन यात्रा अद्भुत हो जाये। कोई भी व्यक्ति A.P.J. अब्दुल कलाम या फिर कल्पना चावला , अल्बर्ट आइंस्टीन बन सकता है पर ये तभी पॉसिबल है जब वो स्वयं का आत्म सुधार करें। बड़ी बड़ी बाते करना , बड़े बड़े सपने देखना बेहद आसान है इसमें कोई मेहनत भी नहीं है। मेहनत तो सेल्फ इम्प्रूव करके खुद को पॉजिटिव तरीके से बदलने में है और इसी में अधिकांश लोग हार जाते है।

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सेल्फ इम्प्रूवमेंट यह प्रक्रिया है जिसमे स्वयं के विकास के लिए ,स्वयं को बेहतर बनाने के लिए , स्वयं को जानकार बनाने के लिए प्रयास किया जाता है। हम चाहे तो उचाई के किसी भी मोड़ पे जा सकते है लेकिन उसके लिए प्रयास करना होगा। अमीर हो जाना , फेमस हो जाना बस यही पर हमारा जीवन यात्रा पूरा नहीं हो जाता। जीवन को समझदारी से जीने के लिए स्वयं को इम्प्रूव भी करना होता है। अपने गलत आदतों को दूर करना , खुद को बेटर बनाना ताकी जीवन सरल और सुलझा हुआ हो सके। सेल्फ इम्प्रूवमेंट ही हमारा डेवलपमेंट करता है। आपका ऐज (उम्र ) जो भी हो पर पर्सनल डेवलपमेंट के हक़दार तो सभी होते है आखिर कब तक दुसरो की जीवनी पढ़ते रहेंगे खुद भी तो कुछ कर दिखाइए जिसके चर्चे लोग करें।
कई बार हम यह भी देखते है की कई लोग कहते है हमे इम्प्रूव होने की क्या जरुरत है हम तो जैसे है वैसे ही ठीक है लेकिन एक चाय बेचने वाला बच्चा आज देश का प्रधानमंत्री है माननीय श्रीमान नरेंद्र मोदी। यह सिर्फ तभी संभव हो पाया क्यों की सेल्फ इम्प्रूवमेंट (आत्म-सुधार ) करते हुए वह कुछ न कुछ सीखते रहें।
सर A.P.J. अब्दुल कलाम को लेकर हम सब अच्छे से जानते है कि वह एक बेहद साधारण फेमिली से थे पार्ट टाइम न्यूज़ पेपर बेचते थे अपने स्कूल के दिनों में लेकिन कुछ करने और सिखने की चाहत ने उन्हें आगे बढ़ाया।

सेल्फ इम्प्रूवमेंट के जरिये हम खुद को रिप्रेजेंट करना सीखते है इसमें पर्सनल डेवलपमेंट , अपने काम को कैसे इम्प्रूव करे , टाइम मैनेजमेंट , आर्गेनाइजेशन मैनेजमेंट , सेल्फ मैनेजमेंट , एंगर मैनेजमेंट , कम्युनिकेशन स्किल्स को डेवेलोप करना , खुद के अंदर विल पॉवर बढ़ाना , लीडरशिप स्किल्स को डेवेलोप करना, लिसनिंग स्किल्स इम्प्रूव करना जैसी बहुत सारी बाते होती है। आत्म -सुधार के जरिये हम औरो को देखना छोड़ खुद में क्या सुधार करनी है उसके लिए जागरूक हो जाते है। 

निचे कुछ पॉइंट्स दिए है जिसके जरिये आप आत्म-सुधार (सेल्फ -इम्प्रूवमेंट) को और अच्छे से समझ सके। 
  1. खुद की कमियों को समझें फिर उसेहै उस दिशा की ओर आगे बढ़ते है।   निकाले :- सबसे ज्यादा जरुरी है अपने ही कमियों को समझना फिर उसे दूर करना। नो वन इस परफेक्ट लेकिन परफेक्शन लाने की कोशिश जरूर करें। 
  2. स्वयं में विलपॉवर डेवेलॅप करें :- किसी भी काम को सफल करने के लिए विल पॉवर की जरुरत होती हैं हमे बार बार कोई और आकर मोटीवेट नहीं करेगा खुद को मजबूत बनाने के लिए। अपने अंदर आत्म विश्वास भरे की आप ये निर्धारित काम कर सकते है यदि आप स्टूडेंट है तब तो विलपॉवर होना ही चाहिए की आप अच्छी पढाई कर सकें। 
  3. टाइम मैनेजमेंट :- आज के समय में एक बच्चे से लेकर घर के बड़े तक की लाइफ भागम भाग वाली हो गई है टाइम मैनेजमेंट की तो बहुत कमी आ गई है। इसलिए आज के दौर में टाइम मैनेजमेंट का ट्रेनिंग भी दिआ जा रहा हैं। अपने काम को समय से पहले पूरा करना, सुबह ऑफिस के लिए समय पे रेडी होना , खासतौर पे यदि घर में बच्चे है तो उन्हें बचपन से टाइम मैनेज करना सीखा दे। कोई भी इम्पोर्टेन्ट काम है तो उसकी प्लांनिग पहले से कर ले ताकी समय पे उसको एक्सीक्यूट कर सकें। 
  4. कम्युनिकेशन स्किल डेवेलोप करें :- यदि आप सब अपने रोजमर्रा के जीवन पे ध्यान दे तो आपसी रिश्तों में या फिर आपके कार्यछेत्र पे ज्यादा प्रॉब्लम सही कम्युनिकेशन ना होने पे होती है। हम सबका कम्युनिकेशन हमारे लाइफ का मोस्ट इम्पोर्टेन्ट पार्ट होता है क्यों की हमारे माइंड में जो भी इनफार्मेशन है वो कम्युनिकेशन के जरिये ही दिया जाता है। अपने बोल -चाल पे ध्यान दे और उसे सुधारे। धीरे बोले ,अच्छा बोले। 
  5. लिसनिंग स्किल्स :- कई बार आप सबने खुद में ही नोटिस किआ होगा की बिना ठीक से सुने ही पलट के सामने वाले को जवाब दे दिआ। किसी बात या फिर इन्फॉर्मेशन को ध्यान से सुनना और समझना यह भी एक कला है। आज अधिकांश लोगो के असफलता का कारण लिसनिंग स्किल की कमी भी है। आपने नोटिस भी किआ होगा स्कूल , कॉलेज में टीचर कुछ पढ़ा रहे है लेकिन बच्चे सुनने पे ध्यान नहीं दे रहे इसलिए बाद में उस डिलीवर इनफार्मेशन पर उनको कोई जानकारी नहीं होती। इसलिए अपने अंदर लिसनिंग स्किल डेवॅलप करें। 
  6. एंगर मैनेजमेंट :- क्रोध आज के समय की बहुत बड़ी समस्या है।  आज के दौर में छोटे बच्चो को भी क्रोध आ जाता है क्यों की उनके घर का माहौल ही ऐसा बना हुआ है। क्रोध मानसिक परेशानी भी बढ़ाता है और हमारे एकाग्रता की शक्ति भी कम करता है। इसलिए अपने क्रोध को भी मैनेज करना सीखें। कोशिश करें अपने स्वाभाव को शांत बनाने की। 
  7. गॉल (लक्ष्य ) सेटिंग :- जब तक जीवन में कोई लक्ष्य निर्धारित ना हो तब तक जीवन जीने का कोई वजह नहीं रह जाता और लोग अपने जीवन से बोर होने लगते है इसलिए अपने जीवन में छोटा या बड़ा कोई लक्ष्य रखे। लक्ष्य छोटा या बड़ा कुछ भी रख सकते है आप देंखेगे इससे आपका दिनचर्या बदल जायेगा। आपका ध्यान आपके लक्ष्य की ओर होने से आपमें व्यस्तता आ जाएगी और व्यर्थ बोल , व्यर्थ सोच से भी आप दूर होने लंगेगे। 
  8. डिसीजन मेकिंग स्किल्स :- हम में से बहुत से लोगो की समस्या होती है की हम किसी सिचुएशन पे क्या निर्णय ले यही समझ नहीं पाते यानि हमारा निर्णय शक्ति कमजोर होता है।  सेल्फ इम्प्रूवमेंट का यह भी एक पार्ट होता है क्यों की लाइफ में ऐसे बहुत से मोड़ आयेंगे जब आपके निर्णय शक्ति का टेस्ट लिया जायेगा। गलत निर्णय आपको बहुत हानि पहुँचा सकता है। 
  9. प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स :- आज के दौर में प्रॉब्लम्स (समस्या ) का आना एक आम बात हो गया है। समस्याएँ तो जैसे हम सबके जीवन का एक हिस्सा हो गई है। यदि हम इनसे घबराएंगे तो ये समस्याए हमे परेशान करेगी और मानसिक रूप से हमे कमजोर बनाएगी इसलिए इनका सामना कीजिये ताकी किसी भी समस्या का समाधान करने की छमता आप में विकसत हो। 
  10. सेल्फ मैनेजमेंट स्किल्स :- स्वयं की छमताओ को पहचानना और उसको निखारना। खुद को ज्यादा प्रोडक्टिव बनाना ये सब सेल्फ मैनेजमेंट में आता है। 
ऊपर बताये ये सारे पॉइंट्स आपको सेल्फ इम्प्रूवमेंट में मदद कर सकते है। बस जरुरत है तो आपको स्वयं के साथ कम्मीटेड (प्रतिबद्ध ) होने की। 

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