Header Ads Widget

Responsive Advertisement

इनर विल

पत्थर को जब तराशते है तो खुदा (मूर्ति ) बन जाता है , मूर्ति बनने के लिए पत्थर को कई बार छीनियो का चोट सहना पड़ता है वैसे ही खुद को जब निखारना है तो कई स्टेप से आगे बढ़ना होगा। 

इनर विल :-

Related image

( आपके अंदर अंनत शक्ति है बस जरुरत है उन शक्तियों को समझने की , पहचानने की )


हर किसी का कुछ न कुछ इनर विल होता है। इनर विल यानि आंतरिक इच्छा , जिस पे सही ढंग से काम कर लिया जाये तो जो भी सोचा हुआ मुकाम है उस पे पहुंचा जा सकता है। हर कोई कुछ बेस्ट ही सोचे होते है अपने लिए लेकिन क्या मिस्टेक जाने या अनजाने में हो जाती है कि उस सोचे हुए मुकाम पर पहोचने के बजाय काश  
 ( काश ऐसा हुआ होता ) पर सब बात अटक जाती है। 
अधिकांशतः ऐसा होता है कि लोग अपने इनर विल को ठीक से समझ ही नहीं पाते और यदि समझ लिए भी है तो उसे पूरा करने की साहस नहीं जुटा पाते है बस किन्तु , परन्तु में अटक जाते है। कई बार ऐसा भी  होता है कि अपनी इनर विल को सुनने के बजाय औरो के राय यानि दुसरो के इनर विल पे काम करने लगते है बिना ये जाने समझे कि दुसरो का राय उनकी अपनी सोच है और उनकी सोच , उनका मुकाम अलग है तो उसे अपने इनर विल से मैच न करे। दुसरो की राय उतनी ही ले जितनी आपको जरुरत है। 
खुद के साथ रोज कुछ वक्त बिताये , कुछ समय के लिए ब्रेक दे अपने सोच को , आराम दे अपने सोच के ट्रैफिक को , थोड़ा मनन करे , थोड़ा मंथन करे , धीरे धीरे अपने इनर विल को बाहर आने दे , इनर विल को इनर विल पॉवर में बदले। बाहर के शोर - गुल में इतना व्यस्त मत हो जाये कि इनर विल को ख़त्म ही कर दे और बाद में खुद को गुमराह। 
जितना ज्यादा आप स्वयं पे काम करेंगे उतना ही जल्दी आपके अंदर का अँधेरा ( डार्कनेस ) दूर होगा अब निर्णय आपको करना है कि आपको अपने अंदर अँधेरा बनाये रखना है या फिर उस अंधकार को मिटाकर प्रकाश 
( लाइट ) की ओर जाना है। 
स्ट्रेस , टेंशन , डिप्रेशन , एंग्जायटी , मैडनेस तभी आता है जब इनर विल के अपोजिट सब कुछ हो रहा है। इनर विल आपका जो भी कुछ हो लेकिन आपका स्टेबल होना सबसे ज्यादा जरुरी है , आपका शांत होना , स्टेबल होना ही आगे आपको कुछ सही दिशा दे सकता है। आपका मूल्यांकन आपके हाथ में है। स्वयं को अंदर से इतना मजबूत बना दे की पूरा ब्रह्मण्ड आपके साथ हो जाये और आपके लिए काम करने लगे पर ऐसा भी तभी हो सकता है जब आपके विचार शुद्ध है , कर्म शुद्ध है। 
जब भी आप कोई काम करते है तो उसे महसूस करने की कोशिश करे , उस काम को कर के आपको कैसा फील हो रहा है यदि अच्छा फील कर रहे है तो ये पॉजिटिव साइन हो उस काम के प्रति। 
उदाहरण के तौर पे गुस्सा कर के आप कुछ छड़ के लिए कैसा महसूस करते है ......... ....... यदि अनकम्फर्टेबल जैसी फीलिंग आती है तो खुद को पॉज दे और चेक करे कि इंटरनली क्या उतार चढ़ाव हो रहा है। 
Google+

अपने अंदर के स्पार्क को डेवलप करने का आसान तरीका है खुद से दोस्ती करना। आप यदि ध्यान दे तो आप देखेंगे कि जिस चीज पर आप ध्यान देते है उसे इम्प्रूव करने में आप कुछ हद तक या फिर कुछ ज्यादा आप सफल भी हो जाते है। ठीक वैसे ही यदि इनर विल को पहचानना है और इम्प्रूव करना है तो खुद के करीब होना पड़ेगा। खुद के करीब जाने के लिए योग , मेडिटेशन , चैटिंग या फिर नेचर के साथ कुछ पल बिताना कोई भी तरीका आप अपना सकते है। 
दूसरी बात अपने अंदर की शिकायते कम कर दीजिये , पॉसिबल हो तो ख़त्म कर दीजिये क्यों कि ये अंदर की शिकायते कभी आपको सफल होने नहीं देंगी इनर स्पार्क डेवेलप करने में। इन शिकायतों में भी बड़ा जादू होता है एक के बाद एक क्यू लगाकर आती ही रहती है इसलिए इम्मेडिएटली इन्हे स्टॉप कर दीजिये।
खुद को यकीन दिलाइये की आप अभी इस वक्त जिस भी पोजीशन में है आप खुश है अपने आप से , अपनी बनायीं दुनिया से। आप दुनिया के सबसे खुशनसीब व्यक्ति है। अपने अंदर सेल्फ सेटिस्फेक्शन डेवेलप करे।
पास्ट में जो कुछ गलत हुआ उसे फॉरगेट एंड फॉरगिव करे , खुद से कुछ गलत हुआ तो स्वयं को भी माफ़ करे , किसी के साथ कुछ गलत किआ है तो उन सब चेहरे को इमर्ज करे और उनसे माफ़ी मांगे। कुछ दिन तक इस अभ्यास को जारी रखे जब तक कि आप हल्का महसूस न करने लगे।
अब स्वयं को संतुष्ट करने के लिए कुछ अपना पसंदीदा काम शुरू करे जैसे कुछ देर के लिए म्यूजिक सुन ले , या फिर कोई बुक पढ़ ले या फिर कोई आर्ट, जो कुछ भी आपको पसंद हो वो आप तय करे। खुद को जानना शुरू करे की आप में अपार शक्ति है अपार साहस है बस अपनी शक्ति का सदुपयोग करना सिख जाये। गॉसिप या आलस में रहकर अपनी शक्तियों को नष्ट न करे।
आप सब ने साइकिल तो देखि ही होगी , कइयों ने चलाई भी होगी साइकिल की खासियत यही होती है की जब तक चलाओ तब तक एक्सरसाइज अच्छी करवा देता है और स्मूथली चलता भी है लेकिन जैसे ही साइकिल चलाना बंद कर दो तो साइकिल के चैन में जंक लग जाता है। साइकिल चल नहीं पाता। ठीक वैसे ही हमारा माइंड और बॉडी होता है जितना यूज़ करो रिजल्ट अच्छा देता है यूज़ करना बंद कर दो यूजलेस होने लगता है यानि कोई न कोई प्रॉब्लम शुरू होने लगती है। इसलिए माइंड और बॉडी का एक्सरसाइज जरूर करे। 
माइंड को जितना यूज़ करेंगे उतना ही एक्टिव रहेगा और बॉडी को जितना चलाएंगे , एक्सरसाइज देंगे उतना हैल्थी रहेगा तो चेकिंग रोज कीजिये की आप कितना एक्टिव और हैल्थी है।
स्वयं की एबिलिटीज एंड इनबिलिटी का एक लिस्ट बनाइये इससे आपको अपना मूल्यांकन करना आसान हो जायेगा। एबिलिटीज आपको प्रोत्साहित करेंगी आगे बढ़ने के लिए और इनबिलिटी जानने के बाद आपको इम्प्रूव कहा होना है ये पता चलेगा। स्वयं के मेंटर ( गुरु ) बनिए। अपने अनुभव से सीखिए , आगे बढिये।
  • याद रखिये आपकी आंतरिक इच्छा शक्ति आपको बहुत आगे ले जाएगी। 
  • खुद पर भरोसा कीजिये। 
  • एक बच्चा बन कर सीखिए जो कई बार गिरता है फिर भी बिना हार माने चलने की कोशिश करता है और अन्तः इतने प्रयासों के बाद चलने लगता है। 
  • आप कुछ सिखने के लिए हमेशा तैयार रहे। 
  • इनिशिएटिव बने। 
  • स्वयं को मोटीवेट रखे 
  • आशावादी रहे। 
  • रोज कुछ नया सींखे। 





Post a Comment

0 Comments