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पॉजिटिव एनर्जी को कैसे बढ़ाये ?

पॉजिटिव एनर्जी को कैसे बढ़ाये ?



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पॉजिटिव थिंकिंग 


हम सब पॉजिटिव थिंकिंग की बाते तो हमेशा  करते है और हम खुद को पॉजिटिव बनाना भी चाहते है लेकिन जाने अनजाने में नकारात्मक सोच के हम इतने आदि हो गए है की चाह कर भी हम सब पूर्ण रूप से पॉजिटिव नहीं हो पा रहे . कही न कही हमने अपने माइंड को छोटी छोटी बातो में डरे रहने की आदत डाल दी है . यदि किसी पेरेंट्स का बच्चा है और आज वो ऑफिस से लेट आ रहा है तो न चाहते हुए भी पहले कोई नेगेटिव ख्याल आ जाता है माइंड में  . स्टूडेंट्स भी Exam Time में बहुत डर जाते है और कुछ न कुछ नेगेटिव सोचने लगते है .ऐसी ही छोटी छोटी बहुत सारी बाते है जिन्हे नेगेटिव तरीके से सोच सोच कर ज्यादा तर लोगो में नेगेटिव सोचने की आदत पड़ जाती है .
नेगेटिव थिंकिंग को तो हम अच्छे से समझते है की ये हमारे हेल्थ ,माइंड ,बॉडी के लिए कितना नुकसान कारक होता है और साथ ही साथ ये नेगेटिव थिंकिंग हमारे चारो तरफ नेगेटिव वायुमंडल भी बना देता है जिससे वायुमंडल में प्रेजेंट नेगेटिव एनर्जी हमारे नेगेटिव सोच को आकर्षित करने लगती है और हमारा Aura और भी ज्यादा कमजोर हो जाता है .



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अब बात करते है पॉजिटिव थिंकिंग की ,इसे कैसे बढ़ाया जाये .तो इसे बढ़ाना बेहद आसान है इसके लिए सबसे पहले व्यस्त रहना सीखे। क्यों की माइंड जितना व्यस्त रहेगा वो उतना कम सोचेगा। व्यस्त रहने का मतलब ये नहीं की सबसे कनेक्शन अपना छोड़ दे या फिर कही एक कोने में मोबाइल लेकर व्यस्त हो जाये। व्यस्तता कुछ प्रोडक्टिव काम को लेकर होना चाहिए ना की unproductive काम से।
अच्छी अच्छी किताबो से दोस्ती कर लीजिये ,ये किताबे आपको जीवन का सही रास्ता तो दिखाएंगी ही साथ ही  साथ आपको जीना सिखाएंगी। कुछ महान विचारक को हमेशा फॉलो कीजिये ,जिससे आपमें एक क़्वालिटी ऑफ़ थिंकिंग डेवेलोप हो। आमतौर पे हम सब क़्वान्टिटी ऑफ़ थिंकिंग वाले होते है क़्वालिटी कम होती है। अपने आप को बदलने के लिए ,सकारत्मक बनाने के लिए खुद ही पहल कीजिये। किसी और व्यक्ति का इंतजार मत कीजिये की कोई दूसरा मुझे बदले। ये जीवन आपका है इसे बदलने के लिए कुछ अच्छा करने के लिए आपको ही समझदार होना पड़ेगा।
अपना एजेंडा बनाये आज आपको पुरे दिन करना क्या है फिर उस अनुसार अपने दिन की शुरुआत करे। आपमें भरपूर शक्ति है ,हम सब अपार शक्तियों से भरे है खुद को भरोसा दिलाये ,खुद का विलपॉवर बढ़ाये।
हम हमेशा से ही सुनते आ रहे है खुद को बदलो ,देश अपने आप बदलेगा ,तो सुधार खुद में कीजिये ,दुसरो की कमी कमजोरी को देखना पूर्णतः बंद कर दीजिये।
याद रखिये हम सब सवयं के भाग्यविधाता है। अपने अंदर के  अहंकार और ईर्ष्या को दूर  कीजिए। कुछ माइंड को एक्सरसाइज करवाइये पॉजिटिव सोचने की ,उसके लिए कम से  कम 21 days तक कोई भी पॉजिटिव थॉट उसे दीजिए जैसे की मै ये काम बहुत अच्छे से कर सकता हु  ( आई कैन डु इट )  . रोज रात में सोने से पहले और सुबह उठने के बाद खुद को कहिये यू आर द बेस्ट एंड यू कैन डु इट। ऐसे अपने तरीके से माइंड को पॉजिटिव सोचने की कुछ ट्रिक दीजिये क्यों की कोई भी कर्म जब हम बार बार करते है तो वो हमारे संस्कार बन जाते है जितना मीन्स जब हम माइंड को पॉजिटिव सोचने की हैबिट डाल देंगे तो उसे वही आदत पड़ जाएगी। 
Continous Learning & Continous Development पे ध्यान ज्यादा दीजिये ,हम जितना ज्यादा सीखेंगे उतना ही हम इस लाइफ को एन्जॉय करेंगे। सीखना और फिर उसे अपने जीवन में लागू  (इम्प्लीमेन्ट ) करना इसके लिए हमेशा खुद को रेडी रखिये।  

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