आलस्य को कैसे दूर करे ?
How to Overcome Laziness
दोस्तों अभी का जो लाइफ स्टाइल है वो धीरे धीरे हमे बड़ा आलसी बना रहा है ,कुछ मिनट के लिए हम पास्ट लाइफ में जाते है 15 -20 साल पहले के लोग यानि हमारे दादा दादी ,पापा मम्मी बड़े एनर्जेटिक रहा करते थे। अपने काम से भी उन्हें बड़ा लगाव था ,चाहे वो काम छोटे थे या बड़े पर वो बड़े लगन से करते थे। बोरडम जैसा कुछ उनमे नहीं था। हाउस वाइफ भी घर के काम को बड़ा मन लगा के करती थी। मैन्युअल वर्क ज्यादा था तो
भी उनमे थकान जैसा कुछ नहीं था वो लोग अपने काम से संतुष्ट थे।
आज लोगो में अपने काम के प्रति श्रद्धा नहीं रहा ,लगन नहीं रहा। अब बात आती है आलस्य की यानि लेज़ीनेस क्या है ? आलस तभी आता है जब हमे किसी काम के प्रति इंटरेस्ट नहीं है। सपोज यदि किसी पर्सन का मूवीज में इंटरेस्ट है तो उसे आलस नहीं आएगा। वो आटोमेटिक बिना किसी प्रेशर में मूवीज देखेगा। ऐसे ही यदि किसी को डांस का शौक है तो भी ऑटोमैटिक वो पर्सन उसमे इंटरेस्ट लेगा यानि आलस और कुछ नहीं सिर्फ हमारा पॉइंट ऑफ़ इंटरेस्ट एरिया है।
आज लोगो में अपने काम के प्रति श्रद्धा नहीं रहा ,लगन नहीं रहा। अब बात आती है आलस्य की यानि लेज़ीनेस क्या है ? आलस तभी आता है जब हमे किसी काम के प्रति इंटरेस्ट नहीं है। सपोज यदि किसी पर्सन का मूवीज में इंटरेस्ट है तो उसे आलस नहीं आएगा। वो आटोमेटिक बिना किसी प्रेशर में मूवीज देखेगा। ऐसे ही यदि किसी को डांस का शौक है तो भी ऑटोमैटिक वो पर्सन उसमे इंटरेस्ट लेगा यानि आलस और कुछ नहीं सिर्फ हमारा पॉइंट ऑफ़ इंटरेस्ट एरिया है।
अब थोड़ा और इस आलस को समझने की और इसे दूर करने की कोशिश करते है। क्यों की इस आलस ने अच्छे अच्छो को बर्बाद कर दिआ है। ऐसा नहीं है की पुरे दिन कोई व्यक्ति बैठा रहता है ,वह कुछ न कुछ तो करता ही है। लेकिन शायद वह अपने (goal ) लक्ष्य से समन्धित काम कम और दूसरे काम जैसे TV देखना , मोबाइल पे बाते करना या फिर घंटो व्हाट्सएप ,फेसबुक पे टाइम देता है। इसमें कोई बुराई नहीं क्यों की वो उसका इंटरेस्ट एरिया है। लेकिन बात जब इस जीवन को कुछ खास बनाने की अति है यानि एक सफल जीवन की आती है तो हमें खुद को सझने की जरुरत पड़ती है क्यों की ये लाइफ हमारी है और इसे बनाने के लिए सेल्फ मोटिवेशन चाहिए। जिसके लिए हमे अपने जीवन में करना क्या है यह लक्ष्य निर्धारित करना होगा और उसे प्राप्त करने से आपको फायदा क्या होगा यह जानना होगा। क्यों की जब किसी काम से हमे कुछ हासिल होता है तो उसे हम करने के लिए प्रेरित होने लगते है सेल्फ मोटीवेट हो जाते है।
हम सब ये अच्छे से जानते है की समय किसी के लिए नहीं रुकता ,वो आटोमेटिक चलता रहता है यानि
प्रेजेंट को पास्ट बनने में सिर्फ 1 सैकंड लगता है। इस समय के महत्त्व को जान कर हम सभी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उस लक्ष्य के प्राप्त होने के बाद इस जीवन में क्या बदलाव होगा ,उससे क्या बेनिफिट्स होगा ,कैसे ये लाइफ स्मूथ एंड एन्जॉयफुल हो जायेगा जब ये सब बेनिफिट्स हम समझ जायेंगे तो इस आलस को दूर करने में सिर्फ सेकंड लगेगा। क्यों की हम सब का कही न कही लक्ष्य इस लाइफ को सक्सेस बनाना होता है और जीवन के स्ट्रगल से बाहर निकलना होता है और जब हम सभी इस बात को अच्छे से समझ लेते है तो किसी आलस की हमारे जीवन में कोई जगह नहीं रह जाती।
दोस्तों हमारे परवरिश में हमारे पेरेंट्स का पूरा जीवन लगा होता है और उनकी हम सबसे बस यही उम्मीद रहती है की हम अपने जीवन में खुश रहे ,सफल रहे। ये लाइफ आपका है इसे कैसे जीना है इसपे पूरा अधिकार आपका है और आप इसका निर्णय स्वयं ले।
Being Motivated |
दोस्तों हमारे परवरिश में हमारे पेरेंट्स का पूरा जीवन लगा होता है और उनकी हम सबसे बस यही उम्मीद रहती है की हम अपने जीवन में खुश रहे ,सफल रहे। ये लाइफ आपका है इसे कैसे जीना है इसपे पूरा अधिकार आपका है और आप इसका निर्णय स्वयं ले।
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