बचपन से ही हम अपने घर में और स्कूल में अनुशासन से रहने के लिए सुनते रहते है ,अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है ,अनु और शासन। अनु का मतलब है नियम और शासन का मतलब है पालन। नियमो के अनुसार जीवन को जीना ,जीवन को सही दिशा देने के लिए नियमो का पालन करना।
ये अनुशासन ही है जो जीवन को सही मोड़ देता है और हमारे जीवन को कामयाब बनाता है।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है, यह जीवन का वह पड़ाव है जहा हम जो कुछ सीखते है वह जीवन भर रहता है। यही वो समय है जहा हमारे अच्छे या बुरे भविष्य का निर्माण होता है ,इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व ज्यादा है ,यहां अनुशासन सम्बंधित नियम जैसे समय पे उठना ,समय पे अपना काम पूरा करना ,बड़ो को आदर सम्मान देना, छोटो के साथ प्यार से बात करना, पढ़ाई को ध्यान से करना, समय का पक्का होना, नियमो का पालन आदि सिखाया जाता है।
अनुशासन हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करता है ,जो भी rules and regulations हमारे समाज ने बनाये है या फिर हम सबके घरो में बने है वो हमें एक नियम में चलाने के लिए बने है जिसे फॉलो करने से मानसिक शांति और जीवन में संयम बना रहता है।
सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक का रूल्स बनाया जाता है ताकि हमारा समय बरबाद न जाये। एक army युद्ध तभी जीतता है जब वहा की सेना अपने कमांडर को discipline में रह कर फॉलो करती है,युद्ध की प्रैक्टिस कई महीनो से अनुशाषित होकर करती।
किसी भी कार्य छेत्र को हम तभी सहीं रूप से संचालित कर सकते है जब वो अनुशाषित हो ,फिर चाहे वो पार्लियामेंट हो ,या स्कूल, कॉलेज ,हॉस्पिटल ,जल सेना,थल सेना ,वायु सेना आदि कुछ भी हो।
यहाँ तक की हमारे जीवन को हम सफल तभी बना सकते है जब हम मन , वचन ,कर्म से , ढृढ़ संकल्प के साथ अपने काम में लग जाये अपने ऊर्जा को बर्बाद न जाने दे।
कई लोग जन्म से ही अनुशासन के पक्के होते है उन्हें अपना काम समय पे करना बहुत पसंद होता है वो अपनी ऊर्जा का सही उपयोग करते है, और इसलिए वो अपने काम में सफल भी जल्दी हो जाते है ,उनमे आंतरिक अनुशासन होता है ,और कुछ लोग बाह्य अनुशासन वाले होते है ,उनमे जोर जबरजस्ती से अनुशासन लाया जाता है।
अनुशासित लोग हर किसी के प्रिय होते है क्यों की वो अपने काम को समय पर करते है ,जीवन को सही तरीके से जीते है ,अपने चारो तरफ एक अच्छे वायुमण्डल का निर्माण करते है। उनका जीवन औरो को प्रेणना देने वाला होता है। ऐसे लोग बड़े आसानी से सफल हो जाते है।
अनुशासन ही वो यंत्र है जो किसी को आइन्स्टीन, कपिल देव ,सचिन तेंदुलकर, विवेकानंद बनता है और कई ऐसे भी है जो अपने जीवन यात्रा को यूही व्यर्थ गवा देते है। अनुशासन हमें अपने लक्ष्य प्राप्ति और राष्ट्र के विकास में बहुत सहायक होता है इसलिए हम सबको अपने जीवन में अनुशासन को अपनाना चाहिए।
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