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बच्चो को कैसे समझे :-

बच्चो को कैसे समझे :-

(रोशनी को कोई कहा बांध सका है अँधेरा मिटाने के लिए छोटे से दिया का रोशनी ही काफी है )

बच्चो को समझना कभी कभी हरेक के लिए मुश्किल हो जाता है। बच्चो को कैसे समझे ताकि उनको लेकर जो भी निर्णय ले वो सही हो , बच्चो का आने वाला आज और कल बेहतर बने। बच्चे एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होते है और आपका थोड़ा भी गलत फैसला कई बार उनको एमोशनली कमजोर कर देता है। इसलिए उनको उनके बेहतरी के लिए समझना बहुत जरुरी होता है ताकि उनका मानसिक और शारीरिक डेवलपमेंट अच्छा रहे। 
बच्चो को समझने के लिए सबसे पहले उनको अपनी भावनाओ को जाहिर करना सिखाये जैसे की उनकी पसंद और नापसंद। उनके विचारो को क्लियरली बोलना सिखाये क्यों की कम्युनिकेशन ही माध्यम होता है किसी को समझने का। 



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बच्चो के साथ उनके छोटे बड़े एक्टिविटी में इन्वॉल्व हो।


  • बच्चो को कम्यूनिकेट करना सिखाये :- सबसे जरुरी होता है अपनी बातो को जाहिर करना। बच्चे कॉन्फिडेंटली अपनी बातो को आपके सामने रख पाए क्यों की जब वो अपनी बातो को बोलना सिख जायेंगे तो आपको उनको समझना आसान हो जायेंगे इसलिए उन्हें रोके टोके नहीं ,उन्हें अपनी भावनाओ को जाहिर करने दे। 
  • बच्चो को बात बात में डांटे नहीं :- बात बात में बच्चो को या किसी भी पर्सन को डाटना सही नहीं होता इससे आपकी एक निगेटिव इमेज बनने लगती है और बच्चो का कॉन्फिडेंस भी कम होने लगता है यदि कोई बात बच्चे का आपको पसन्द नहीं आ रहा है तो उसे आप सही से समझाए ताकि बच्चा खुद को इम्प्रूव कर सके, उसकी गलती उसको बताये न कि सीधे डांटे। कई बार बच्चे इस बात से कंफ्यूज हो जाते है कि उनपे उनके पेरेंट्स गुस्सा किस बात पर है इसलिए उनको ये क्लियर करे कि उनकी मिस्टेक क्या है। 
  • बच्चो के साथ थोड़ा समय बिताये :- अपने बच्चे को समझने के लिए ये बहुत जरुरी है कि उसको अपना समय दे , उससे बाते करे , हसी मजाक करे ताकि वो लाइट फील करे। याद रखे आपके बच्चे को आपकी समय की, आपकी बहुत जरुरत होती है यदि आप उन्हें आज समय नहीं दे पाएंगे तो कल ऑटोमैटिक वो आपसे दुरी बना लेंगे। 
  • बच्चो को सामान नहीं सम्मान दे :- कई बार ऐसा होता है कि बच्चो को बहुत कुछ पेरेंट्स देते ही रहते है , बच्चे इतना सामान इकट्ठा कर लेते है कि वो उन सामान को सम्भाल भी नहीं पाते तो ऐसा न करे , जिस चीज की उनको जरुरत है बस वही दे ताकि उनको वो सम्भाल सके। 
  • बच्चे को निर्णय लेना सिखाये :- छोटी -छोटी बातो में पेरेंट्स इन्वॉल्व न हो , बच्चो को अकेले कोई काम करने दे। उन्हें क्या कपडे एलमिरा से सेलेक्ट करके पहनने है वो सेलेक्शन उन्हें करने दे। ऐसे और भी निर्णय उन्हें छोटे बड़े लेने दे , आप बस वेट एंड वाच करे यदि कुछ गलत लगे तो उन्हें सुधारे , उस गलती को सही करे। ऐसा करने से वो डिसीजन लेना सीखेंगे और धीरे धीरे काम को सही करना भी सिख जायेंगे।
  • बच्चो को रेस्पेक्ट करना सिखाये :- ऐसा भी कई बार होता है बच्चे अपने पेरेंट्स के अलावा किसी और की सुनते नहीं , रेस्पेक्ट नहीं करते। धीरे धीरे उनके ये सँस्कार स्ट्रॉन्ग हो जाते है, किसी को वो सुनना नहीं पसंद करते है। बच्चो को बताये , गाइड करे , सबका रेस्पेक्ट करना सिखाये नहीं तो वो खुद के अलावा किसी और को वैल्यू नहीं देंगे। 
  • बच्चो को उनका काम करने दे :- थोड़ा अकेले ही बच्चो को कोई काम करने दे , इससे वो अपनी चीजो को समेटना सीखेंगे और काम को भी सही तरीके से करना सीखेंगे , बच्चे परिपक्व बनेंगे। आप उन्हें आर्डर न दे प्यार से बोले जैसे अपना शू पोलिश कर लो , बुक्स को ठीक से अर्रेंज कर के रखे , अपने कपडे सही से रखे ताकि आगे चलकर वो अपने सामान को व्यवस्थित रख पाए , समेट पाए। 
  • हर वक़्त उन्हें कुछ सिखाये मत , उनसे भी कुछ सीखे :- आपका का बच्चा आपसे ज्यादा खुश है इस जीवन में , वो आपसे ज्यादा मुस्कुरा रहा है क्या यह काफी नहीं है आपके लिए। उसे रोज रोज कुछ सिखाये मत क्यों की उससे वो शायद बोर फील करे। बच्चा स्वयं ही बहुत कुछ सिख रहा है आप उसे अप्प्रेसियेट करे। कई ऐसी नई जानकारी है जो आपसे बेहतर बच्चा जानता है। आप भी कुछ नया सीखे बच्चे से। 
  • घर का माहौल प्यार और खुशहाली भरा बनाये :-  ये बहुत जरुरी है घर का माहौल हैल्थी हो , खुशनुमा हो। सामान कम हो चलेगा लेकिन घर में प्यार और खुशिया हो , इससे मानसिक बल मिलता है , मन शांत रहता है और बच्चे का शारीरिक , मानसिक विकास अच्छा होता है। इसलिए घर का माहौल हैल्थी बनाये। 
  • घर में सफाई का नियम बनाये :- ये सुनकर बड़ा आश्चर्य हो रहा होगा कि घर की सफाई से बच्चो को समझने का क्या सम्बन्ध है लेकिन ऐसी छोटी छोटी बाते अनदेखा करने से कभी कभी चिड़चिड़ापन उपन्न हो जाता है बच्चो में। घर के सामान व्यवस्थित हो , अपनी जगह पर रखे हो इस बात का ध्यान दिया जाये ताकि उनको ढूढ़ने में वक्त बरबाद न हो। आप घर को व्यवस्थित रखने में बच्चो को भी जरूर शामिल करे ताकि उनको अपने सामान की जानकारी रहे कि कहा पर है। 
  • बच्चो को खेल खेल में पढ़ना सिखाये :- बच्चो की पढाई में रूचि लाने का आसान तरीका है पढाई को लाइट (हल्का ) करना। बच्चो को खेल खेल में पढ़ाये ताकि उनकी पढाई आसान बन जाये। 
ऊपर बताये पॉइंट्स आपको बच्चो को समझने और उनके साथ सही व्यवहार करने में मदद कर सकते है। हर वक्त बच्चो को ही कुछ सीखाने की जरुरत नहीं है , पेरेंट्स को भी बच्चो से बहुत कुछ सीखना चाहिए। पेरेंट्स को बच्चे का दोस्त बनना चाहिए ताकि उनका व्यवहार आपके साथ आसान रहे।
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धन्यवाद 

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2 Comments

  1. Kafi helpful h new parents ke lie or khaskar unke lie jinke Ghar me bade bujurg nhi h guidance ke lie

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