किसी ने क्या खूब कहा है विचार बनाये जिंदगी , लेकिन 90 % लोग ये जानते ही नहीं की ये विचार कैसे उनकी जिंदगी बना सकता है , उसके लिए पहले मेरे आज के विचार को ध्यान से पढ़िए और सोचिये , आप खुद समझ जायेंगे।
हमारा मन प्रतिदिन 60 हजार से लेकर 70 हजार तक विचार रोज उपन्न करता है लेकिन यदि आप इन विचारो पर ध्यान दे तो ये वही घिसे पिटे विचार होते है जो हमे कुछ नया नहीं सिखाते है , इसलिए हर कोई उन रोजमर्रा के जिंदगी में व्यस्त है बिना ये ध्यान दिए की अपने ही विचारो में नवीनता कैसे लाये जो हमारे जीवन को बहुत खाश बना दे और भरपूर कर दे। अंदर से आवाज निकले की मै खुश हु , संतुष्ट हु।
यदि आप अपने ही कमजोरी को अपनी ताकत बना लो तो आप कुछ भी कर सकते है , सोचना सबकी कमजोरी होती है , न चाहते हुए भी कुछ न क़ुछ हर कोई सोचता है तो इस सोचने को ही अपनी ताकत क्यू नहीं बनाते। यदि प्रतिदिन अनगिनत विचार आते है तो उसमे नवीनता भरते जाइये , उन विचारो को खास बनाते जाइये फिर देखिये नामुमकिन कुछ भी नहीं। छोड़िए उन ऑर्थोडॉक्स ( रूढ़िवादी ) विचारधारा को , और कुछ ऐसा कीजिये जिससे आपको हिम्मत मिले , साहस मिले , जीवन को एक दिशा मिले।
स्वमिवेकनंद ने कहा था , एक विचार लो (Idea), उस विचार को अपना जीवन बना ले , सोंचो उस विचार को , उस विचार पे फोकस हो जाओ , उसी के सपने देखो , उस विचार को जिओ और सारे विचार छोड़ दो फिर चमत्कार देखो। अपने अंतरआत्मा की सुनो , वो हमेशा आपको सही दिशा दिखाएगी , अपने अंतरआत्मा की आवाज को इतना मजबूत कर दो की कुछ और सुनाई न दे , आपकी अंतरात्मा आपका सच्चा साथी है और वो सदैव सिर्फ भला करना चाहता है लेकिन सबने बाहर की आवाज सुनने की आदत डाल दी है , अंदर से निकले सच्चे राह दिखाने वाली आवाज को शांत कर दिआ है। यही कारण है की आज ज्यादातर लोग उलझन में है , कन्फ्यूज़्ड है की वो क्या करे, क्या न करे। हर रोज बिना समझदारी के जीने से अच्छा है एक दिन समझदारी से जिये , सिर्फ कुछ मिनट के लिए शांत होकर सोचे आपको करना क्या है। सबको दोष देना छोड़ दे।
यदि आप 18 की उम्र में नासमझ है तो इसमें आपकी गलती नहीं है ये उम्र की नासमझी हो सकती है लेकिन यदि आप 28 की उम्र में नासमझ है , तो ये पूरी तरह से आपकी गलती है। अपनी स्वयं की क्षमता को निखरने का मौका दो वरना वह अंदर ही दब जाएगी।
यदि आप 18 की उम्र में नासमझ है तो इसमें आपकी गलती नहीं है ये उम्र की नासमझी हो सकती है लेकिन यदि आप 28 की उम्र में नासमझ है , तो ये पूरी तरह से आपकी गलती है। अपनी स्वयं की क्षमता को निखरने का मौका दो वरना वह अंदर ही दब जाएगी।
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