आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम सभी ने स्वयं से ही दुरी बना ली है। खुद के लिए कर तो बहुत कुछ रहे है, फिर भी खुद से अनजान हो गए है। सब कुछ करते हुए भी जैसे कुछ नहीं कर रहे है , चाहे कितना भी हम खुद के लिए कुछ भी कर ले, अच्छे कपडे पहन ले, एन्जॉय कर ले, घूमे फिरे या फिर मनमानी ही क्यों न कर ले खुद को खुश रखने के लिए लेकिन यदि हमारा मन ही हल्का नहीं है , अंदर से हम भारी महसूस कर रहे है तो सब बेकार है।
आज के इस दौर में सबसे ज्यादा खुशकिस्मत वो है जो दिल से संतुष्ट है, हैप्पी है, किसी से कोई शिकवा -शिकायत नहीं है इसलिए मन से भी हल्के है। मन हल्का है तो सब हल्का है तो हर वो कोशिश करे जिससे आप दिल से खुश रहे। डांस करे , गुनगुनाये, हँसे लेकिन मन से हलके रहे।
खुद से बाते करे, यदि कभी ठीक महसूस न लगे तो खुद को पूछे, खुद को वार्म अप करे, धीरे धीरे सकारात्मक आदते अपनाये, दिल की सुने और मन से संतुष्ट रहे।
जीवन में सबकुछ मन चाहे अनुसार नहीं होता, यदि कुछ स्वयं के अनुसार नहीं हो रहा है तो मन को छोटा मत कीजिये, किसी की बातो को दिल पर मत लीजिये, लोग अपने विचार के अनुसार दुसरो को भला या बुरा कहते है तो वो उनके अपने विचार है , उनकी बातो को उतना ही ध्यान दीजिये की जिससे आप में कुछ इम्प्रूवमेंट हो बाकि सब बातो को छोड़ दीजिये।
खुद से बाते करे, यदि कभी ठीक महसूस न लगे तो खुद को पूछे, खुद को वार्म अप करे, धीरे धीरे सकारात्मक आदते अपनाये, दिल की सुने और मन से संतुष्ट रहे।
जीवन में सबकुछ मन चाहे अनुसार नहीं होता, यदि कुछ स्वयं के अनुसार नहीं हो रहा है तो मन को छोटा मत कीजिये, किसी की बातो को दिल पर मत लीजिये, लोग अपने विचार के अनुसार दुसरो को भला या बुरा कहते है तो वो उनके अपने विचार है , उनकी बातो को उतना ही ध्यान दीजिये की जिससे आप में कुछ इम्प्रूवमेंट हो बाकि सब बातो को छोड़ दीजिये।
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