जीवन एक खेल है :-
जैसे नदी का पानी हमेशा अपनी दिशा में बहता ही रहता है वैसे हम सभी का जीवन हमेशा चलता ही रहता है। नदी के पानी को यदि रोकने की कोशिश करे तो वह तुरंत अपनी दिशा बदल लेता है। हम सबका जीवन भी ठीक वैसे अच्छे या फिर बुरे मोड़ आने पर खुद को उस अनुसार सवारते हुए आगे बढ़ता ही रहता है।
जिस दिन आप इस जीवन को एक उत्साह और मनोरंजन से भरा खेल समझ लेंगे , आप इस जीवन को स्वयं ही रोमांचित बना लेंगे। सृष्टि के इस रंगमंच पर हम सभी एक कलाकार की भूमिका निभा रहे है और ये भूमिका श्रेष्ठ तभी होती है जब हम सब अपने अपने भूमिका पर ही ध्यान दे। एक कलाकार अपनी भूमिका को अच्छा तभी बना पाता है जब वो खुद के भूमिका को श्रेष्ठ बनाने के लिए अपना पूरा योगदान देता है।
हमे कोशिश करना है खुद के प्रयासों के साथ इमानदारी बरतने का। जितना हम स्वयं के साथ ईमानदार होंगे उतना ही हमारा योगदान अपने कार्य के प्रति श्रेष्ठ होगा। इस जीवन को जितना हो सके उतना हल्का लेकर चले ताकि आप खुद को ऊर्जा से भरपूर पाए। आपकी ऊर्जा आपको हमेशा कुछ श्रेष्ठ करने में अपना पूरा योगदान देगी।
यहाँ व्यर्थ सोचने जैसा कुछ भी नहीं , जरुरत से ज्यादा परेशान होने जैसा कुछ भी नहीं और खुद को कोसने जैसा भी कुछ भी नहीं है क्यों की जो पाया यही पाया और जो खोया यही खोया और यहा जो कुछ भी मिला सब अल्पकालिक , अस्थायी है , स्थायी कुछ भी नहीं। पकड़ में आने जैसा कुछ भी नहीं इसलिए समानो के पीछे भागना कम करे , ज्ञान को जितना हो सके बढ़ाते जाइये ताकि खुद के अंदर जागरूकता आये, किसी चीज को समझने की शक्ति आये और स्वयं में ज्ञानदीप जलता रहे।
यह ज्ञान ही है जो आपको अपूर्ण से पूर्ण की ओर ले जा सकता है आपको स्थायी बना सकती है। आखिर आप कितना भागोगे। एक न एक दिन आपको रुकना ही होगा। अपने अंदर छुपे नकारत्मकता को ख़त्म करे , सकारत्मक बने , ज्ञानी बने और यदि ये न कर पाए तो भी कुछ सिखने की चाहत जरूर रखे। अपने अंदर उस विद्यार्थी को जिन्दा रखे जो हमेशा कुछ सीखता है क्यों की विद्या आपको हमेशा मजबूत बनाती है , आपको कभी गिरने नहीं देती , आपको आम इंसान से खास इंसान बनाती है , सामाजिक प्रतिष्ठा भी देती है।
यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड आपका मित्र है , आपके सकारात्मक विचार आपके मित्र है , आपका मिठा , सरल स्वभाव आपका मित्र है और आपकी नविन सोच आपके मित्र है। अपने इन खास मित्रो को अपने साथ लेकर चलिए आपको जीवन से कभी निराशा महसूस नहीं होगी।
यदि इस जीवन में आपका कोई शत्रु है तो वो है आपके अंदर बसी ईर्ष्या , क्रोध , भय , आत्मविश्वास की कमी , अहंकार , आलस्य , कुछ जानने और सिखने की चाह न होना , व्यर्थ एवं नकारात्मक सोच। जिस दिन आप अपने इन शत्रुओ को समझ जायेंगे और उनको अपने अंदर से बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब हो जायेंगे , उस दिन से आपके आगे बढ़ने की यात्रा शुरू हो जाएगी। आप विजयी बन जायेंगे।
उठिये और आगे बढिये , यही जीवन है।
यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड आपका मित्र है , आपके सकारात्मक विचार आपके मित्र है , आपका मिठा , सरल स्वभाव आपका मित्र है और आपकी नविन सोच आपके मित्र है। अपने इन खास मित्रो को अपने साथ लेकर चलिए आपको जीवन से कभी निराशा महसूस नहीं होगी।
यदि इस जीवन में आपका कोई शत्रु है तो वो है आपके अंदर बसी ईर्ष्या , क्रोध , भय , आत्मविश्वास की कमी , अहंकार , आलस्य , कुछ जानने और सिखने की चाह न होना , व्यर्थ एवं नकारात्मक सोच। जिस दिन आप अपने इन शत्रुओ को समझ जायेंगे और उनको अपने अंदर से बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब हो जायेंगे , उस दिन से आपके आगे बढ़ने की यात्रा शुरू हो जाएगी। आप विजयी बन जायेंगे।
उठिये और आगे बढिये , यही जीवन है।
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